Poem XVII: ‘वो भी होगा यहाँ!’ Posted on November 10, 2016 by सचिन मनन जब वो पहले यहाँ आती थी आते ही कहती थी अरे ! वो भी है यहाँ अब वो यहाँ से निकलती है तो अन्दर नहीं आती न आने का कारण वो बतलाती है ‘वो भी होगा यहाँ!’ Share this:EmailLike this:Like Loading... Related