आज का सपना :
एक दोस्त ने कहा है, अपने सपने बनाने की क़ाबलियत पैदा करो… तो सोच रहा हूँ आज सपना देखूँगा नहीं बनाऊंगा,
आज इंडिया मे से भारत निकाल कर भारत दे दूंगा युगपुरुष भक्तों को; फिर “नाथूराम छुट्टी” की घोषणा कर दूंगा “गाँधी जयंती” की तर्ज पर… फिर फटाफट ६७-७० साल कालचक्र घुमाकर भारत को इंडिया जितना जवान कर दूंगा और एक दूसरे के बगल मे बिठाकर फैसला लूंगा
वैसे इंडिया वर्सिस भारत मैच का नतीजा क्या होगा ??? काफी रोमांचक सवाल है !!!